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देहरादून: प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के प्रयास के तहत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड हेल्थ सेवा डेशबोर्ड का शुभारम्भ किया। इस ई-हैल्थ सेवा डैशबोर्ड के द्वारा मुख्यमंत्री राज्य में चल रही स्वास्थय योजनाओं पर सीधी नजर रख सकेंगे।

ई-हेल्थ सेवा “डेशबोर्ड” के तहत ई-पर्ची, ई-रक्तकोश, ई-औषधि, ई-हैल्थ सेन्टर तथा टेलीमेडिसन की सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध होगी। मरीजों की पर्ची, दवाईयों व ब्लड की उपलब्धता, टेलीमेडिसन की सुविधा व अस्पतालों म आनलाइन पंजीकरण, मोबाईल हैल्थ वैन की उपलब्धता की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक व ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री, शासन व महानिदेशालय स्वास्थ्य, अस्पतालों की निरन्तर मोनिटरिंग कर पायेंगे।

ई-पर्ची द्वारा मरीज किसी भी स्थान से अपना ऑनलाइन पंजीकरण किसी भी अस्पताल में करवा सकेगे। ई-रक्तकोष के माध्यम से अस्पतालों में ब्लड की उपलब्धता की ऑनलाइन जानकारी मिलेगी। ई औषधि के माध्यम से अस्पतालों में दवाइयों की उपलब्धता व आपूर्ति की जानकारी मिल सकेगी। ई-हैल्थ सेवा डैशबोर्ड के द्वारा विभिन्न अस्पतालों में डॉक्टरों की उपलब्धता,  मरीजों की संख्या, मरीजों को अस्पतालों में दवाईयां मिल रही है या नहीं, ऑनलाइन रजिस्टेªशन से कितने मरीज अस्पताल पहुंच रहे है, डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की उपस्थिति, शुल्क की जानकारी मिल सकेगी। e-health-service-dashboard

इसके साथ ही उत्तराखण्ड हैल्थ सिस्टम डेवलपमेंट परियोजना के तहत जिला अस्पताल टिहरी व सामुदायिक केन्द्र को गुणवतापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं पहुचानें हेतु हिमालय इंस्टिट्यूट जौलीग्रांट तथा परियोजना (स्वास्थ्य) विभाग के मध्य एमओयू हस्ताक्षर किया गया। राज्य में नेशनल हैल्थ मिशन के माध्यम से 108 आपातसेवा में 61 एम्बुलेंस अक्टूबर माह तक शामिल कर ली जाएगी। इसके साथ ही 78 एम्बुलेंस बसों को खरीदने की प्रक्रिया गतिमान है। इन्हें दिसम्बर अन्त तक 108 आपातसेवा में सम्मिलित कर लिया जाएगा। नेशनल हैल्थ मिशन के माध्यम से ही राज्य के विभिन्न दूरस्थ क्षेत्रों में डाक्टरों के आवास हेतु 22 हास्टलों का निर्माण किया जा रहा है, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में सेवा देने वाले डाक्टरों को प्रोत्साहित किया जा सके।

वैसे वर्तमान में राज्य की स्वास्थ्य सेवा खस्ताहाल है। सूत्रों के मुताबिक कई 108 एम्बुलेंस ख़राब पड़ी हैं तो कई में तेल नहीं रहता है। आज ही प्राप्त सूचना के अनुसार उत्तरकाशी जिले के थाती गांव की एक महिला को प्रसव पीड़ा होने के बाद 108 एम्बुलेंस को रात तीन बजे बुलाया गया। जिसके बाद महिला को ले जाते हुए रास्ते मे डुंडा से कुछ पहले ही एम्बुलेंस का तेल खत्म हो गया। तेल खत्म होने से जब रास्ते मे फसे होने की सूचना परिजन की मिली, तब जा कर गांव वालों ने गांव से व्यक्तिगत वाहन की मदद मांग कर महिला को अस्पताल पहुंचाया।

अब देखना है की मुख्यमंत्री की ई-हेल्थ सेवा “डेशबोर्ड”  पहल का राज्य की स्वास्थ्य सेवा पर कितना असर होता है।