nationwide artificial insemination scheme

देहरादून : राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान योजना का दूसरा चरण 1 अगस्त से अगले वर्ष 31 मई तक संचालित किया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक जनपद में 50 हजार पशुओं को सफलतापूर्वक गर्भित करने का लक्ष्य रखा गया है। पशुपालकों को देशी गाय व भैंस का लिंग वर्गीकृत वीर्य केवल 100 रूपए में उपलब्ध कराया जाएगा। सचिव पशुपालन आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने सोमवार को मीडिया सेंटर, सचिवालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।

पशुपालकों की आजीविका में वृद्धि होगी

सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम ने बताया कि योजना का उद्देश्य पशु नस्ल में सुधार और  उच्च आनुवांशिक गुणवत्ता के पशुओं की संख्या में वृद्धि करके पशुपालकों की आजीविका में वृद्धि करना है।

प्रत्येक जनपद में 50 हजार पशुओं को गर्भित किया जाएगा

राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान योजना(द्वितीय चरण) प्रदेश के सम्पूर्ण जनपदों के समस्त ग्रामों में राजकीय, बायफ, डेयरी व प्राइवेट कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध होगी। योजना में प्रत्येक जनपद में 50 हजार पशुओं को सफलतापूर्वक गर्भित करने का लक्ष्य रखा गया है। एक बार में पशु गर्भित न होने पर दूसरी व तीसरी बार तक निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा दी जायेगी। गाय-भैंसों में समस्त प्रकार की देशी विदेशी प्रजातियों के वीर्य उपलब्ध होंगे। प्रत्येक पशु को पहचान चिन्ह टैग लगाकार आधार की तरह पहचान पत्र दिया जायेगा व इनाफ पोर्टल पर राष्ट्रीय स्तर पर चिन्हित किया जायेगा।

पशुपालक को केवल 100 रूपए में लिंग वर्गीकृत वीर्य उपलब्ध होगा

प्रत्येक कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता राजकीय व प्राइवेट को प्रत्येक गर्भाधान पर 50 रूपए व संतति पर 100 रूपए देय होगा। राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष देशी गाय भैंस के लिंग वर्गीकृत वीर्य से 3.00 लाख पशु गर्भित करने का लक्ष्य है, जिसके लिये केवल 100 रू. का शुल्क पशुपालकों से लिया जायेगा जिसका वास्तविक मूल्य 1150 रूपए है। इसके उपयोग से 90 प्रतिशत तक केवल बछिया पैदा होंगी और पशुपालकों की उत्पादकता बढ़ेगी।