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ग्रेटर नोएडा: परी चौक को ग्रेटर नॉएडा शहर के लैंडमार्क के रूप में देखा जाता है। या यूँ कहे कि परी चौक अब ग्रेटर नोएडा शहर की पहचान बन चुका है। साथ ही परी चौक यातायात के नजरिये से ग्रेटर नोएडा शहर का सबसे व्यस्ततम स्थान है।

परी चौक से हर रोज बड़ी संख्या में यात्री नोएडा, दिल्ली, बुलंदशहर, जेवर, सकिंद्राबाद, मथुरा, आगरा, आदि स्थानों के लिए रवाना होते हैं। यात्रियों की संख्या अधिक होने के कारण यूपी रोडवेज के साथ निजी बसें व ऑटो आकर खड़े हो जाते हैं, जिससे जाम की स्थिति पैदा हो जाती है।  अक्सर देखा गया है कि रोडवेज़ की बसें सवारियों को परी चौक से ही बैठाती हैं एवं बेतरतीब तरह से पूरे मार्ग को बाधित करती है जिससे जाम की स्तिथि उत्पन्न होती है।

पिछले काफी समय से परी चौक पर लगने वाले जाम के निदान के लिए पुलिस, प्रशाशन के साथ सामाजिक संघठन के सदस्य भी प्रयासरत है लेकिन ठोस समाधान नहीं निकल पाया। हालाँकि पिछले रविवार को ग्रेटर नोएडा की ट्रैफिक पुलिस द्वारा परी चौक के दो सौ मीटर के दायरे में किसी भी वाहन को खड़े करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके बावजूद यूपी रोडवेज व निजी बसों के चालकों द्वारा यातायात के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। परी चौक में जाम के चलते मंगलवार को एक एम्बुलेंस जाम में फंस गई थी। इसी को लेकर बीते मंगलवार को कासना कोतवाली पुलिस द्वारा बड़े स्तर पर कार्रवाई की गई थी। पुलिस ने पांच बसों को सीज कर दिया था, जबकि 12 का चालान काटा गया। परन्तु बताया जा रहा है कि पुलिस की इस कार्रवाई का रोडवेज बस चालक विरोध कर रहे हैं और इसके विरोध में हड़ताल पर जाने की धमकी दे रहे हैं।

इसी को लेकर शहर के सामाजिक संगठन एक्टिव सिटीजन टीम के सदस्यों ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश परिवन निगम के सहायक क्षेत्रीय प्रवन्धक (ए.आर.एम.) से कासना कार्यालय में जाकर मुलाकात की तथा उन्हें इस समस्या के जल्द से जल्द निस्तारण हेतु एक ज्ञापन सौंपा।

इस अवसर पर एक्टिव सिटीजन टीम के हरेन्द्र भाटी, आलोक सिह, सुनील प्रधान, जे.पी.एस. रावत (अध्यक्ष उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति), कमल सचदेवा, मोहित भाटी आदि मौजूद थे।

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