ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की पहल पर यूएनडीपी (यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम) और एचडीएफसी बैंक मिलकर ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ईकोटेक-12 में मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर यानी कचरा संग्रहण केंद्र बनेगा। एचडीएफसी बैंक इस प्लांट को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। मंगलवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने यूएनडीपी व एचडीएफसी बैंक के साथ इस प्रोजेक्ट के लिए अनुबंध किया। इस अवसर पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने कहा कि औद्योगिक निवेश के लिए ग्रेटर नोएडा देश ही नहीं, विश्व भर के निवेशकों के लिए बड़ा हब बनकर उभर रहा है। डाटा सेंटर, इलेक्ट्रॉनिक्स व ऑटोमोबाइल सेक्टर आदि में तमाम मल्टीनेशनल कंपनियां निवेश कर रही हैं। ग्रेटर नोएडा से सटे देश के सबसे स्मार्ट सिटी में से एक आईआईटीजीएनएल की इंटीग्रेटेड टाउनशिप में भी बड़ी कंपनियां निवेश कर रही हैं। यहां हायर इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉर्मी मोबाइल, सत्कृति इंफोटेनमेंट, चेनफेंग (एलईडी कंपनी) और जे वर्ल्ड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां प्लांट लगा रही हैं। यूएनडीपी देश के 20 राज्यों में 25 जगहों पर एमआरएफ केंद्र को ऑपरेट कर रहा है।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक निवेश का हब बनने के बावजूद ग्रेटर नोएडा का हरियाली और स्वच्छता पर भी विशेष फोकस है। एनसीआर का सबसे हरित शहर भी ग्रेटर नोएडा ही है। उन्होंने नारा दिया कि सेक्टर का कूड़ा सेक्टर में, मोहल्ले का कूड़ा मोहल्ले में और घरों का कूड़ा घरों में निस्तारित होना चाहिए। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इसी दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने ग्रेटर नोएडा के निवासियों से इस नारे को साकार करने में सहयोग की भी अपील की। एचडीएफसी बैंक की संस्था एचडीएफसी परिवर्तन के जरिए इस प्लांट को बनाने के लिए तीन करोड़ रुपये की धनराशि बतौर कार्पोरेट सोशल रेस्पोंसबिलिटी दी गई है। इस सेंटर पर ड्राई वेस्ट को रीसाइकिल कर प्लास्टिक बोर्ड भी बनेंगे, जिनसे घरेलू व सजावटी उत्पाद भी बनाए जा सकते हैं।
इस दौरान प्राधिकरण के डीजीएम सीके त्रिपाठी, एचडीएफसी बैंक के सर्किल हेड अमन अवल, क्लस्टर हेड अशोक सिंह, सीनियर मैनेजर गौरव सिंह, ब्रांच मैनेजर अनिल कुमार और अर्नेस्ट एंड यंग के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।