आखिरकार लंबे इंतजार के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी नई टीम बनाने के लिए तैयार हो गए हैं। पिछले कई महीनों से उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार टलता रहा है। लेकिन अब पितृपक्ष में मुहूर्त निकाला गया है। आज अचानक यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजधानी लखनऊ में हलचल शुरू है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को गुजरात से लखनऊ बुलाया गया। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं लेकिन उससे कुछ महीने पहले ही योगी सरकार कैबिनेट विस्तार करने जा रही है। योगी सरकार का ये आखिरी कैबिनेट विस्तार होगा।
बताया जा रहा है कि 7 नए मंत्रियों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। नए मंत्रियों को आज शाम 5:30 बजे ही राजभवन में शपथ दिलवाई जाएगी। नए मंत्रियों में एक ब्राह्मण चेहरा जितिन प्रसाद बाकी तीन दलित और तीन ओबीसी से हैं। आज जो नेता मंत्री बनेंगे, उनमें जितिन प्रसाद, संगीता बिंद, छत्रपाल गंगवार, पलटू राम, दिनेश खटिक (सोनकर), संजय गौड़ और धर्मवीर प्रजापति शामिल हैं। इन सातों का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। यूपी में विधानसभा चुनाव होने में 6 महीने से भी कम समय शेष है, ऐसे में भाजपा क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधने के लिए यह प्रयोग कर रही है। पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन के कारण जाट नाराज हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मौजूदा मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 21 राज्यमंत्री हैं, यानी कुल 53 मंत्री हैं। इस हिसाब से 7 मंत्री पद अभी खाली हैं। ऐसे में योगी सरकार अगर अपने कैबिनेट से किसी भी मंत्री को नहीं हटाती है तो भी 7 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। बता दें कि इससे पहले 19 मार्च 2017 को सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उस दौरान मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे। कोरोना के चलते तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है। हाल ही में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हुई थी, जबकि कोरोना की पहली लहर में मंत्री चेतन चौहान और मंत्री कमल रानी वरुण का निधन हो गया था। इसके बाद से ही प्रदेश मंत्रिमंडल में कई जगह खाली हैं।