नोएडा : प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) ‘सप्ताह’ के दौरान पात्र लाभार्थियों का पंजीकरण कराने के मामले में गौतमबुद्ध नगर जिले का बिसरख ब्लॉक प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने पीएमएमवीवाई प्रकोष्ठ को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। उन्होंने बताया कि एक से सात सितम्बर चले इस अभियान की रैंकिंग की गई है। इस दौरान बिसरख ब्लॉक में 618 पात्र लाभार्थियों का पंजीकरण किया गया। यह संख्या प्रदेश भर में सर्वाधिक अधिक है। दूसरा नंबर शामली जिले के कैराना ब्लॉक का रहा। यहां 617 पंजीकरण हुए जबकि 525 पंजीकरण कर पीलीभीत जिले का ब्लॉक पुरनपुर तीसरे नंबर पर रहा। जिलेवार रैंकिंग में गौतमबुद्ध नगर प्रदेश में 13 वें स्थान पर है।
उन्होंने बताया पहली बार गर्भवती/धात्री महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और पोषण के लिए पूरे देश में चलायी जा रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को गति प्रदान के लिए प्रदेश में एक से सात सितम्बर तक मातृ वंदना ‘सप्ताह’ मनाया गया। इस ‘सप्ताह’ को एक उत्सव के रूप में मनाया गया, जिसके तहत ‘सप्ताह’ के हर दिन अलग-अलग गतिविधियाँ आयोजित की गयीं।
योजना के नोडल अधिकारी डा. भारत भूषण ने बताया-सिफ्सा की अधिशाषी निदेशक व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की निदेशक अपर्णा उपाध्याय के निर्देश पर ‘सप्ताह’ की निर्धारित गतिविधियों के अनुरूप ‘सप्ताह’ मनाया गया। इस दौरान सबसे अधिक फोकस जागरूकता के साथ–साथ प्रथम बार गर्भवती हुईं महिलाओं के पंजीकरण करने पर रहा। डा. भारत भूषण ने इस उपलब्धि के लिए अपनी पूरी टीम को बधाई दी है।
योजना का कार्य जारी रहेगा
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक पारस गुप्ता ने बताया- बेशक योजना के ‘सप्ताह’ का समापन हो गया है लेकिन योजना का कार्य अनवरत रूप से जारी रहेगा। योजना के प्रकोष्ठ कार्यालय में पात्र लाभार्थी पंजीकरण करा सकते हैं। आशा एएनएम भी योजना के लिए पूर्व की भांति कार्य करती रहेंगी। पारस गुप्ता ने बताया- जहां बिसरख ब्लॉक में 618 पंजीकरण हुए वहीं दादरी ब्लॉक में 244,दनकौर में 209, जेवर में 229 और शहरी क्षेत्र में 231 पंजीकरण हुए। इस तरह सप्ताह के दौरान पूरे जनपद में पात्र लाभार्थियों के 1531 पंजीकरण हुए।
योजना के तहत तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रुपये :
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के नोडल अधिकारी ने बताया कि पहली बार गर्भवती होने पर योजना के तहत पंजीकरण के लिए गर्भवती और उसके पति का कोई पहचान पत्र या आधार कार्ड, मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कापी जरूरी है । बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिए। पंजीकरण के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने और गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर धात्री महिला को तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं।