दुनिया के महान फुटबॉल खिलाड़ी पेले का 82 साल की आयु में निधन हो गया है। पेले के निधन पर फुटबॉल समेत तमाम खेल जगत में शोक की लहर है। ‌पेले को दुनिया के सबसे महान फुटबॉलरों में गिना जाता है। वे पिछले कुछ समय से हॉस्पिटल में भर्ती थे।

20वीं सदी के महान फुटबॉलर पेले को कोलन कैंसर था। पिछले दिनों कतर की राजधानी दोहा में हुए फीफा वर्ल्ड कप के दौरान पेले स्टेडियम में दिखाई दिए थे। ‌उनकी बेटी कैली नैसिमेंटो ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी दी। पेले पेट के कैंसर से जूझ रहे थे। उन्हें 29 नवंबर को साओ पाउलो के अल्बर्ट आइंस्टीन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कीमोथेरेपी के जरिए उनका ट्रीटमेंट किया गया। लेकिन, उन्हें कोई फायदा नहीं हो रहा था।

इसके बाद कीमोथेरेपी बंद कर उन्हें दर्द कम करने की दवाइयां दी जाने लगीं। उन्हें किडनी और कार्डियक डिसफंक्शन भी था। पेले को गैसोलिना, द ब्लैक पर्ल और ओ री (द किंग) जैसे कई निक नेम से जाना जाता था। पेले का पूरा नाम एडसन अरांतेस डो नैसिमेंटो था। उन्हें दुनिया ने अब तक के सबसे महान फुटबॉलर के रूप में जाना जाता था।

पेले तीन बार विश्व कप जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 1958, 1962 और 1970 में खेल की सबसे प्रतिष्ठित ट्रॉफी फीफा वर्ल्ड कप जीता था। दुनिया के बेस्ट फुटबॉल खिलाड़ियों में गिने जाने वाले पेले ने अपने करियर के 1366 मैचों में कुल 1281 गोल किए। उनका गोल औसत 0.94 प्रति मैच था, जिसे फुटबॉल जगत में बेहतरीन माना जाता है। वे दुनिया के एकमात्र फुटबाल खिलाड़ी थे, जिन्होंने 3 बार वर्ल्ड कप जीता।

फीफा ने पेले को ‘महानतम’ का लेबल, 1999 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा ‘एथलीट ऑफ द सेंचुरी’ का नाम दिया गया और टाइम मैगजीन की 20वीं सदी के 100 सबसे महत्वपूर्ण लोगों की सूची में शामिल पेले को 2000 में विश्व खिलाड़ी का वोट दिया गया था। वह इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फुटबॉल हिस्ट्री एंड स्टैटिस्टिक्स द्वारा सेंचुरी और फीफा प्लेयर ऑफ द सेंचुरी अवार्ड के दो संयुक्त विजेताओं में से एक थे।