birth anniversary of Hemwati Nandan Bahuguna

Birth anniversary of Hemwati Nandan Bahuguna: हिमालय पुत्र के नाम से विख्यात, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा की 105वीं जयंती श्रीनगर एवं पौड़ी में धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर मंडल मुख्यालय पौड़ी में विभिन्न संगठनों के लोगों द्वारा युग पुरुष हेमवती नंदन बहुगुणा को याद करते हुए कलक्ट्रेट के समीप स्थापित हेमवती नंदन बहुगुणा की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित की।

पौड़ी जिले के बुघाणी गांव में 25 अप्रैल 1919 में जन्मे हेमवती नंदन बहुगुणा को उनकी 105वीं जयंती पर लोगों द्वारा याद किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा चौमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति के साथ ही वह कुशल प्रशासक क्रांतिकारी व आंदोलनकारी नेता थे। उन्होंने अपने जीवन काल में देश की राजनीति को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया। इस मौके पर 2 मिनट का मौन रख उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके आदर्शों पर चलने का लोगों से आह्वान किया। इस मौके पर नागरिक कल्याण एवं जागरूक विकास समिति के अध्यक्ष रघुवीर सिंह रावत, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विनोद नेगी, नगर अध्यक्ष भरत सिंह रावत, एससी बड़थ्वाल, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव नरेश नौडियाल, गबर सिंह नेगी, शिवप्रसाद रतूड़ी, गिरीश बड़थ्वाल आदि शामिल रहे।

गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर में धूमधाम से मनायी गयी स्व. बहुगुणा की जयंती

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के बिरला कैंपस श्रीनगर में गुरुवार को स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की 105 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपित प्रो आरसी भट्ट, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो महावीर सिंह नेगी समेत सभी शिक्षकों तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन के प्रागंण में स्थित स्व. बहुगुणा की प्रतिमा पर माल्यपर्ण व पुष्पाजंलि अर्पित की। उसके बाद बिड़ला परिसर के एसीएल सभागार में बहुगुणा के जन्मदिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्रीनगर नगरपालिका के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष, उतराखंड आन्दोलनकारी कृष्णानंद मैठाणी ने उनके जीवन चरित्र  और उनके साथ जुड़ी स्मृतियों को लेकर विस्तृत व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा का व्यक्तित्व उच्च आदर्शवादी था। वे समाजवादी तो थे ही साथ ही सत्य, निष्ठा से समाज के प्रत्येक व्यक्ति की चिंता करते थे।

प्रो हिमाशुं बौड़ाई ने कहा कि बहुगुणा जी गांधीवादी, लेनिनवादी और समाजवादी नेता थे। उनके जैसा चरित्र राजनीति में कभी दिखाई नही देता है। उन्होंने पहाड़ की प्रत्येक समस्या को राष्ट्रीय मंच दिया और उनके प्रयासों से ही आज उतराखंड में गढ़वाल विश्वविद्यालय जैसे शिक्षा के केन्द्रीय संस्थान स्थापित हैं। कार्यक्रम के संयोजक अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो महावीर सिंह नेगी ने स्व बहुगुणा के राजनीतिक जीवन व सामाजिक योगदान को याद करते हुए कहा कि बहुगुणा राजनीति के आदर्श हैं। जिन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समाज के प्रति अपनी भूमिका निभाई और गरीब असहाय लोगों की आवाज उठाकर समाजसेवा की दिशा में अह्म प्रयास किए। उन्होंने कहां कि बहुगुणा ने पहाडों में शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया। उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय तथा कुमाऊँ विश्वविद्यालय की स्थापना की। मुख्य नियंता प्रो बीपी नैथानी ने बहुगुणा के कार्यों की चर्चा करते हुए कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को छात्रसंघ अध्यक्ष सुधांशु थपलियाल, महासचिव आँचल राणा व शिवांगी ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस प्रभारी राकेश नेगी द्वारा किया गया। इस अवसर पर संकायध्यक्ष प्रो. मंजुला राणा, प्रो. वाईपी रेवानी, प्रो आरएस पांडेय समेत सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, अधिष्ठाता छात्र कल्याण के समस्त सदस्य, नियंता मंडल के समस्त सदस्य, सभी शिक्षक,  बड़ी संख्या मे छात्र -छात्राएं व कर्मचारी  मौजूद रहे।

गढवाल विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में स्व० बहुगुणा के जीवन से संबंधित पुस्तकों को किया प्रदर्शित

स्व० हेमवती नंदन बहुगुणा की 105वीं जयंती के अवसर पर गढवाल विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में हेमवती नंदन बहुगुणा के के जीवन से संबंधित पुस्तकों का प्रदर्शन पाठकों के उपयोगार्थ किया गया।

इस अवसर पर उप-पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ० हर सिंह ने स्व० बहुगुणा के जीवन पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि बहुगुणा जी बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। स्वतंत्रता संग्राम हो या फिर आजादी के बाद देश को विकास के पथ पर आगे ले जाने की, बहुगुणा हर मोर्चे पर अग्रिम पंक्ति में खड़े रहे। उप पुस्तकालयाध्यक्ष, चैरास परिसर पुस्तकालय डॉ० जयप्रकाश जोशी ने स्व० बहुगुणा के कार्यों का स्मरण करते हुए उन्हें पहाड़ का सच्चा हितैषी बताया। उन्होंने कहा कि गढ़वाल विश्वविद्यालय के विकास में बहुगुणा जी का अविस्मरणीय योगदान रहा था।

इस अवसर पर पवन बिष्ट, सी०एम० भट्ट, संजय गौतम, बी०एम० खण्डूडी, पवन प्रकाश, सुषमा धनाई, मदनमोहन पंत, अनूप रावत, नागेंद्र बुटोला, सूरज सिंह, रेनू पंवार, राकेश कुमार, नीलम रौथाण, शिव सिंह, जितेंद्र नेगी, रोशनी भट्ट तथा समस्त पुस्तकालय परिवार, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।