राजकीय शिक्षक संघ ने अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त न दिखाये जाने के फैसले पर रोष व्यक्त करते हुए निर्णय पर शीघ्र पुर्नविचार करने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट की पहली बैठक में प्रदेश के गेस्ट टीचरों का मानदेय बढ़ाने एवं उनके पदों को खाली न माने जाने का फैसला जहां 4000 से अधिक गेस्ट टीचरों के लिए बड़ी सौगात एवं उन्हें राहत देने वाला है। वहीं, इस फैसले से तबादले और प्रमोशन का इंतजार कर रहे नियमित शिक्षकों को झटका लगा है। नियमित शिक्षकों का कहना है कि इस फैसले से उनके तबादले व प्रमोशन प्रभावित होंगे।

संघ के पूर्व मंडलीय मंत्री गढ़वाल शिव सिंह नेगी ने सरकार व विभाग से मांग करते हुए कहा कि अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त माना जाना चाहिए ताकि नियमित शिक्षक को पदोन्नति और स्थानांतरण में लाभ मिल सके। शिव सिंह नेगी ने कहा कि शिक्षक दो दशकों से राज्य के दुर्गम और अति दुर्गम विद्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सरकार के इस निर्णय से आम शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है। जिसे शिक्षक सहन नहीं करेंगे। उन्होंने सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी किए जाने का स्वागत किया परन्तु अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त न मानें जाने का तीव्र विरोध करते हुए कहा कि शिक्षकों को सरकार से बहुत अपेक्षाएं थी, लेकिन सिर्फ आश्वासनों के अतिरिक्त कुछ भी हासिल नहीं हुआ। उन्होंने सरकार से शिक्षकों की जायज और लंबित मांगों पर शीघ्र समाधान हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने की मांग की है, ताकि शिक्षक पूर्ण मनोयोग से अपना कर्तव्य निर्वहन कर सकें।