New Education Policy Implemented in Uttarakhand: उत्तराखंड में आज यानी 12 जुलाई 2022 से नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। इसके साथ ही उत्तराखंड नई शिक्षा नीति (New Education Policy) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। आज प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा महानिदेशालय में बाल वाटिकाओं का उद्घाटन कर सूबे में नई शिक्षा नीति का विधिवत शुभारंभ किया।
राज्य में सर्वप्रथम विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत प्राइमरी एजुकेशन में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को शुरू किया गया है। विद्यालयी शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी पहले ही पूरी कर ली थी। राज्य के समस्त जनपदों में विकासखंड स्तर पर चिन्हित को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में वृहद रूप से बालवाटिकाओं का क्षेत्रीय विधायक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उद्घाटन किया।
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में बीस हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। जिसमें से प्रथम चरण में शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में संचालित पांच हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में एनईपी के तहत बालवाटिका कक्षाओं का संचालन शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सूबे में 20 हजार 67 आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं, जिसमें से 20 हजार 17 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं, जिनमें 14,555 आंगनबाड़ी वर्कर्स तैनात हैं।
बच्चों को एनईपी के प्रावधानों के तहत पढ़ाया जायेगा:
इसके अलावा आंगनबाड़ी केन्द्रों में 14,249 सहायिकाएं एवं 4,941 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्त हैं। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में प्री-प्राइमरी स्तर पर बालवाटिकाओं में बच्चों को एनईपी के प्रावधानों के तहत पढ़ाया जायेगा। जिसके लिये पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। शिक्षा मंत्री धन सिंह ने बताया कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं शिक्षकों के लिये हस्तपुस्तिका, बच्चों के लिये तीन अभ्यास पुस्तिका स्वास्थ्य, संवाद एवं सृजन तैयार की गई हैं।
डॉ. रावत ने बताया कि सूबे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू किये जाने को लेकर विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं है। उन्होंने कहा कि बालवाटिका कक्षाओं के शुभारम्भ अवसर पर मुख्यमंत्री के द्वारा प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय के नव निर्मित भवन का लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही एससीईआरटी (स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) के भवन का शिलान्यास भी किया जायेगा। उन्होंने आगे बताया कि कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।
नयी शिक्षा नीति 2020 क्या है?
भारत की वर्त्तमान शिक्षा नीति में संशोधन करके नयी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तैयार की गयी है। नई शिक्षा नीति 5+3+3+4 पैटर्न पर आधारित है। नई शिक्षा नीति में पूर्व प्राथमिक स्तर यानि प्ले स्कूल की शिक्षा को जोड़ा गया है। बच्चों को शुरुआत के तीन साल प्ले स्कूल की तरह शिक्षा दी जायेगी। और दूसरी कक्षा तक बच्चों को परीक्षा से मुक्त किया गया है। नयी शिक्षा नीति 2020 भारत सरकार ने 29 जुलाई 2020 को घोषित की है। 1986 में जारी हुई नई शिक्षा नीति के बाद भारत की शिक्षा नीति में यह पहला नया संशोधन है। भारत में कुल 34 वर्षों के बाद शिक्षा नीति में बदलाव करके New Education Policy 2020 तैयार किया गया है। उसमें भी अभी केवल शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार किया गया है, इसे लागु करने में कई वर्ष लग सकते हैं। यह शिक्षा नीति अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित है।
नयी शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख बिंदु
- 5 वर्ष-Foundation Stage (Pre-Primary और class 1, 2 तक)
- 3 वर्ष -Preparatory Stage (class 3, 4, 5)
- दूसरा 3 वर्ष -Middle Stage (class 6, 7, 8)
- 4 वर्ष -Secondary Stage (class 9, 10, 11, 12)
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूलों में 10 +2 प्रोग्राम के स्थान पर 5 +3+3+4 प्रोग्राम को शामिल किया गया। इसी पैटर्न पर बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाएगी। 5+3+3+4 प्रोग्राम का मतलब यह है कि नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा चार स्टेज में दी जाएगी। पांच वर्ष की शिक्षा फाउंडेशन स्टेज में, उसके बाद की तीन वर्ष की शिक्षा प्रिपरेटरी स्टेज, दूसरा तीन साल मिडिल स्टेज और अंतिम चार वर्ष सीनियर सेकेंडरी स्टेज में आएगा।
पहले 5 वर्ष Foundation Stage (Pre-Primary और class 1, 2 तक)
शुरुआत की पांच वर्ष फाउंडेशन स्टेज कहलायेगा। इस स्टेज में प्री-प्राइमरी स्कूल (Play School) की शिक्षा तीन साल तक तथा कक्षा 1 और कक्षा 2 की पढाई होगी। पहले जहां सरकारी स्कूल में दाखिला 6 वर्ष में होता था, वहीँ अब 3 साल में ही बच्चों का नामांकन होगा। तीन वर्ष की आयु में बच्चों का नामांकन होगा। तीन साल तक पूर्व-प्राथमिक स्कूल की पढाई होगी औरदो साल कक्षा एक और दो कक्षा की पढाई होगी। इस स्टेज में बच्चों को परीक्षा नहीं देना होगा। शुरुआत के पांच वर्षों में परीक्षा नहीं होगा। इससे बच्चे में परीक्षा का भय, डर नहीं होगा।
अगले 3 वर्ष –Preparatory Stage (class 3, 4, 5)
फाउंडेशन स्टेज पूरी करने के बाद इस स्टेज में बच्चा तीन कक्षा में आएगा। इस स्टेज में बच्चा तीन साल तक रहेगा यानि कक्षा तीन, चार और कक्षा पांचवीं (कक्षा 3, 4, 5) तक की पढाई होगी। इस स्टेज तक बच्चों को मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान किया जायेगा। इसी स्टेज में बच्चे का एग्जाम शुरू होगा यानि कि कक्षा तीन से बच्चों को परीक्षा देनी होगी।
अगले 3 वर्ष –Middle Stage (class 6, 7, 8)
पांचवीं कक्षा तक की पढाई पूरी करने के बाद बच्चा मिडिल स्टेज में आएगा। इस स्टेज में बच्चा कक्षा 6 में आएगा एवं तीन साल तक इसी स्टेज में रहेगा, यानि मिडिल स्टेज में बच्चा कक्षा छठी, सातवीं और आठवीं (Class 6-8) तक रहेगा। इस स्टेज में बच्चे को व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Training) दिया जायेगा। जैसे, कंप्यूटर ट्रेनिंग, कोडिंग, सिलाई, बुनाई, बढई कार्य आदि का ट्रेनिंग दिया जायेगा। इस स्टेज में पढाई किसी भी भारतीय भाषा में दी जाएगी।
अगले 4 वर्ष –Secondary Stage (class 9, 10, 11, 12)
मिडिल स्टेज के बाद बच्चा सेकेंडरी स्टेज में जायेगा। यह स्टेज कक्षा नौवीं से बारहवीं तक का होगा। इस स्टेज में बच्चा 9 क्लास में आएगा, और बारहवीं कक्षा तक रहेगा। इसमें बच्चा जिस सब्जेक्ट की पढाई करना चाहता है, वह सब्जेक्ट रख सकता है। साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स इन सभी स्ट्रीम को हटा दिया गया है। Multiple subject का प्रावधान है, कोई भी स्ट्रीम नहीं होगा। बच्चा जो सब्जेक्ट पढना चाहता है, वह सब्जेक्ट रख सकता है। जैसे- अगर बच्चा को साइंस सब्जेक्ट अच्छा लगता है, तो एक साइंस का विषय, सामाजिक विज्ञान अच्छा लगता है, तो एक सामाजिक विज्ञान यानि इतिहास, भूगोल का विषय रख सकता है।
एग्जाम पैटर्न में परिवर्तन किया गया है। पहले 9 से 12 तक वार्षिक परीक्षा होती थी। नयी शिक्षा नीति के तहत नौ से बारहवीं कक्षा की परीक्षा सेमेस्टर में होगा। प्रत्येक छः महीने में एक सेमेस्टर की परीक्षा होगी। इस स्टेज में एक विदेशी भाषा यानि फॉरेन लैंग्वेज की शिक्षा दी जाएगी।
नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत ग्रेजुएशन डिग्री 4 वर्ष की होगी
बारहवीं तक की पढाई इन चार स्टेज में होगी, नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत ग्रेजुएशन डिग्री 4 वर्ष की होगी। प्रत्येक वर्ष के लिए अलग-अलग प्रमाण-पत्र दिया जायेगा। जैसे-
- 1 वर्ष की पढाई करने के बाद ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट दिया जायेगा।
- 2 साल पढाई करने के बाद ग्रेजुएशन डिप्लोमा प्रमाण पत्र दिया जायेगा।
- 3 वर्ष तक पढाई करने वाले को ग्रेजुएशन डिग्री मिलेगी।
- 4 वर्ष का स्नातक करने वाले को रिसर्च यानि शोध ग्रेजुएशन प्रमाण पत्र दिया जायेगा।
इससे विद्यार्थियों को काफी फायदा होगा। जैसे अगर कोई बच्चा एक साल स्नातक की पढाई करता है, तो उसे ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट दिया जायेगा। और दो वर्ष स्नातक की पढाई करता है, तो उसे ग्रेजुएशन डिप्लोमा प्राप्त होगा। उसके बाद अगर वह किसी कारणवश पढाई छोड़ देता है। उसके बाद फिर एक या दो वर्ष के बाद ग्रेजुएशन की पढाई पूरी करना चाहता है। तो उसे फिर से प्रथम वर्ष में एडमिशन नहीं लेना होगा। उसे सीधा स्नातक 3rd year में एडमिशन मिल जायेगा। क्योंकि पहले से उसके पास दो वर्ष का प्रमाण पत्र है।
2020 की नई शिक्षा नीति के तहत ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय’ का नाम परिवर्तित करके केवल ‘शिक्षा मंत्रालय’ रखा गया है। पुरानी शिक्षा नीति के तहत 6 वर्ष की आयु में बच्चों को स्कूल में दाखिल किया जाता है। उसमें बदलाव किया गया, नई शिक्षा नीति के तहत 3 वर्ष की आयु में ही बच्चों को स्कूल में दाखिल किया जायेगा। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत पूर्व-प्राथमिक स्तर की शिक्षा को शामिल किया गया है। पूर्व-प्राथमिक स्तर की शिक्षा तीन वर्ष तक दी जाएगी, जिसमें बच्चों को प्ले स्कूल की तरह खेल-खेल में शिक्षा दिया जायेगा। बच्चों को किताब-कॉपी नहीं लेकर जाना होगा। इससे बच्चों को बस्ता का भारी वजन नहीं ढोना पड़ेगा।
एनसीसी बनेगा वैकल्पिक विषय:
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एनसीसी को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यूजीसी एवं एनआईसीटी द्वारा एनसीसी को विश्वविद्यालयों में एक वैकल्पिक विषय के रूप में चुनाव किए जाने का निर्णय लिया गया है। एनसीसी के माध्यम से देश के विद्यार्थी अनुशासित एवं देश भक्त बन पाएंगे। एनसीसी के लिए एक सामान्य वकलपीत क्रेडिट पाठ्यक्रम होता है। जिसकी जानकारी एनसीसी निदेशालय के कमांडिंग अफसर द्वारा सभी विश्वविद्यालयों तथा टेक्निकल संस्थानों के कुलपतियों को प्रदान की गई है। इस पाठ्यक्रम के बारे में भी कमांडिंग अफसर द्वारा विस्तृत जानकारी प्रोजेक्शन एवं ब्रीफिंग के द्वारा प्रदान की गई है।