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उत्तराखण्ड के लोगों का उद्योग जगत का अपना एक सुदृढ़ समूह होना चाहिए। इससे निश्चित तौर पर हम अपनी सेवाओं का विस्तार कर अपना एक औद्योगिक संगठन स्थापित कर अपने लोगों के लिए और बेहतर कार्य कर पाएंगे। उक्त विचार समाजसेवी एवं उद्योगपति मोहन काला ने मुंबई में गढ़वाल भ्रातृ मण्डल के तत्वावधान में आयोजित उत्तराखंड के उद्योगपतियों के सम्मेलन में व्यक्त किए।

मोहन काला ने इस सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मैं निरंतर उत्तराखंड में रहता हूं। वहां के जीवन, लोंगो की समस्याएं और पहाड़ के युवा के दर्द को मैं हर रोज करीब से देखता हूँ। कोशिश करता हूँ कि पहाड़ की इन समस्याओं का कुछ निवार्ण कर सकूं। लेकिन यदि सही मायने में हम उत्तराखंड के व्यवसायी और समाजिक लोग एक छत के नीचे खड़े होकर अपने लोगों के कार्य करें तो निश्चित तौर हम पहाड़ से हो रहे पलायन रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका तो निभा ही सकते हैं। साथ ही पहाड़ को आर्थीक पक्ष पर भी मजबूत कर सकते है।mumbai-entrepreneur

मोहन काला ने कहा कि हम सबको मिलकर अपने उद्योगपतियों की एक सूची बनानी चाहिए। हमें अपनी सेवाएं पहाड़ के लिए ज्यादा देनी चाहिए। मोहन काला ने कहा कि हम अपने स्तर पर पहाड़ के लिए जो अलख जगा पा रहे हैं। उसके लिए कोशिश कर रहे हैं। इस कड़ी में हमने गांव सुमाड़ी में मशरूम के बीज बनाने को बढ़ावा दे रहे हैं। जो की उत्तराखंड में कहीं नहीं है। लेकिन हमने इसके लिए प्रयास किया और इसका परिणाम यह हुआ कि आज इस उद्योग से पहाड़ के पढ़े लिखे युवा भी जुड़े हैं। जो  कई टन मशरूम के बीज न केवल लोगों के दे रहे हैं अपितु उत्तराखंड सरकार को भी सफलाई कर रहे है।

गढ़वाल भ्रातृ मंडल मुंबई के तत्वावधान में आयोजित इस सेमिनार में समाजसेवी एवं उद्योगपति एस. के. रावत,  सतीश रेखारी, दाताराम शर्मा, आर. एस नेगी, प्रमोद ठाकुर, आर.के शर्मा और मनोज द्विवेदी ने भी भागीदारी की और गढ़वाल भ्रातृ मंडल मुंबई का इस आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया।

जगमोहन ‘आज़ाद’

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