उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच करेगा खुली विचार गोष्ठी

श्रीनगर गढ़वाल : उत्तराखण्ड कार्मिक एकता मंच द्वारा आगामी एक सितंबर 2020 को खटीमा स्थित शहीद स्थल पर खुली विचार गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा जिसका विषय होगा “शहीदों का सपना साकार होना कितना जरूरी”।

एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने बताया है कि एकता मंच का उदय ही शहीदों के सपने को साकार करने के लिए हुआ है। मंच विकास में बाधक हड़तालों के प्रति जवाबदेही हेतु मुखर है और जवाबदेही के लिए शहीदों के सपने के रूप में आवाज दो हम एक हैं के नारे को धरातल पर साकार करने के लिए संकल्पबद्ध है।

आवाज दो हम एक हैं के जिस नारे की ताकत से हमने उत्तराखंड राज्य हासिल किया अब उसी नारे को धरातल पर साकार कर राज्य में विकास के लिए जवाबदेही तय करायी जायेगी। मंच चाहता है कि हड़ताल के कारणों की समीक्षा हो और चिन्हित कारणों के लिए जवाबदेही तय की जाय। संवाद शून्यता, वादाखिलाफी और तानाशाही को हड़ताल का प्रमुख कारण मानते हुए मंच का दावा है कि जिस दिन इन कारणों के लिए उत्तरदायियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का प्रावधान हो जायेगा उस दिन से हड़तालों की स्थिति पर पूर्ण विराम लगाना शुरू हो जायेगा। मंच का मानना है कि बिना एकता के जवाबदेही तय नहीं की जा सकती है इसीलिए 30 अगस्त से अल्मोड़ा स्थित गोलज्यू के मन्दिर से जवाबदेही के लिए एकता का शंखनाद करते हुए एकता यात्रा निकाली जा रही है।

माँ गंगा के उदगम स्थान गंगोत्री से एकता कलश में गंगा जल भरकर एकता कलश हर्षिल, उत्तरकाशी, टिहरी, देवप्रयाग होते हुए एकता कलश आज पौड़ी मुख्यालय में गोल्ज्यू देवता के रूप में भगवान कंडोलिया देवता के मंदिर में पूजा पाठ के साथ श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, नगरासू, रतूड़ा, कर्णप्रयाग पहुंगी। उन्होंने मुख्यालय पौड़ी के सँगनिष्ठ अधिकारी/शिक्षक/कार्मिको से अनुरोध किया कि आस्था के प्रतीक एकता कलश के मुख्यालय में पहुंचने पर भव्य स्वागत कर पौड़ी से रुद्रप्रयाग सीमा तक पहुंचाने में सहयोग प्रदान करें।

आज पौड़ी से कलश यात्रा लेकर मण्डलीय संयोजक, सीताराम पोखरियाल, जयदीप सिह रावत, रेवती डंगवाल, संजय नेगी, राजपाल सिंह बिष्ट श्रीनगर गढ़वाल पहुचें और वहां श्रीकृष्ण उनियाल, महेश गिरि, सौरभ नौटियाल, जसपाल सिंह गुसाई, मनोज भण्डारी, अमित रावत, अमित कुमार और सुरेन्द्र गोदियाल ने कलश का स्वागत करते हुए खांकरा रूद्रप्रयाग में जिला रुद्रप्रयाग की टीम को सुपुर्द किया।