CM Tirath paid tribute to martyr Mandeep Negi

सतपुली : मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शहीद जवान मनदीप नेगी के गांव सकनोली, सतपुली जाकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों से मिलकर उनको सांत्वना दी। उन्होंने कहा की शहीद मनदीप नेगी के परिवारजनों को राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद दी जाएगी। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि शहीद मनदीप सिंह नेगी के गांव की रोड का डामरीकरण किया जाएगा और इस मार्ग का नाम का शहीद मनदीप नेगी मार्ग रखा जाएगा।

जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में मातृभूमि के प्रति अपना फर्ज निभाते हुए  11वीं गढ़वाल राइफल के सतपुली, पौड़ी गढ़वाल के मनदीप सिंह नेगी शहीद हो गए थे। रविवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे गढ़वाल राइफल के वाहन द्वारा शहीद मनदीप का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव में लाया गया। गांव पहुंचे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, गढ़वाल राइफल से ब्रिगेडियर हरमीत सेठी, जिलाधिकारी डॉ. विजय जोगदंडे, एसएसपी पी. रेणुका देवी ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किए।

इसके बाद सेना के बैंड की धुन पर शहीद के घरसे घाट तक अंतिम यात्रा शुरू हुई, जिसमें लोगों की खूब भीड़ उमड़ी। पैतृक घाट पर गढ़वाल रेजीमेंट के जवानों ने तीन राउंड हवा में गोलियां दागकर शहीद को अंतिम सलामी दी। शहीद के चाचा दिगंबर सिंह ने शहीद की चिता को मुखाग्नि दी।

शहीद के गांव सकनोली पहुंचे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने परिजनों को राज्य सरकार से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस मौके सीएम ने कहा कि देवभूमि के जवानों ने समय-समय पर अपनी शहादत देकर देश की सीमाओं की रक्षा की है। शहीद मनदीप ने वीरों की इस परंपरा को आगे बढ़ाया है, जिस पर समस्त देवभूमि वासियों को गर्व है। उन्होंने शहीद मनदीप सिंह नेगी के गांव की सड़क का डामरीकरण करने और सड़क का नाम का शहीद मनदीप मार्ग रखने की घोषणा की।

बता दें कि मनदीप अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। वह पिछले साल दो माह की छुट्टी पर घर आए थे। घर में मनदीप की शादी की तैयारी चल रही थी। पिता सतपाल का कहना है कि रोज शाम मनदीप का फोन आता था।बृहस्पतिवार को उनका फोन नहीं आने से वे कुछ आशंकित तो थे। लेकिन उन्हें मनदीप की शहादत की खबर मिलेगी, यह उन्होंने कभी नहीं सोचा था। उनका कहना है कि बेटे की शहादत का गम तो जीवन भर रहेगा, लेकिन उन्हें अपने बेटे के सर्वोच्च बलिदान पर गर्व है।