Hathras News: उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मंगलवार को हुए हादसे ने हर किसी को झकझोर दिया है। यहाँ सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 120 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोगों की हालत गंभीर है, इसलिए यह आंकड़ा और बढ सकता है। मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
बतादें कि हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में मंगलवार को साकार हरि बाबा का सत्संग चल रहा था। सत्संग समाप्त होने के बाद यहां से जैसे भी भीड़ निकलना शुरू हुई तो भगदड़ मच गई। भगदड़ में अब तक 120 लोगों की मौत की खबर है। सभी घायलों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मृतकों में सबसे ज्यादा लगभग (112) महिलाएं शामिल हैं।
आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
हाथरस सत्संग दुर्घटना मामले में पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। भगदड़ स्थल की जांच के लिए फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई है। घटना ‘भोले बाबा‘ द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान घटी। फोरेंसिक टीम ने डॉग स्क्वॉड के साथ जांच शुरू कर दी है। उधर, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत ‘मुख्य सेवादार‘ कहे जाने वाले वेद प्रकाश मधुकर और इस धार्मकि कार्यक्रम के अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हादसे को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया है। सीएम योगी ने मंगलवार को कहा था कि हमारी सरकार इस घटना की तह में जाकर साजिशकर्ताओं और जिम्मेदारों को उचित सजा देने का काम करेगी। राज्य सरकार इस पूरी घटना की जांच करा रही है। हम इसकी तह में जाएंगे और देखेंगे कि यह हादसा है
हाथरस सत्संग हादसे की वजह सामने आई है। जिला अधिकारी (DM) आशीष कुमार ने बताया कि अत्यधिक उमस के कारण ये हादसा हुआ है। हाथरस हादसे में 120 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इस मामले में आगे की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की गई है।
वहीँ सत्संग में शामिल रहीं चश्मदीद महिला ने बताया कि जैसे ही बाबा का कार्यक्रम खत्म हुआ, काफी गर्मी थी। लोग इधर-उधर जाने लगे। इसी दौरान भगदड़ मच गई। लोग एक दूसरे पर गिर रहे थे। सत्संग स्थल ऊबड़-खाबड़ था। एक अन्य चश्मदीद ने बताया कि सत्संग स्थल पर कीचड़ था।
जानकारी के मुताबिक यहाँ महीने की शुरुआत के पहले मंगलवार को सत्संग होता है। इस सत्संग में राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों के लोग आए थे। भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वाहनों की संख्या तीन किलोमीटर तक फैली हुई थी।
सत्संग में जुटी थी सवा लाख से ज्यादा भीड़
इस सत्संग के आयोजन की जानकारी प्रशासन को थी, लेकिन सत्संग में पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या कुछ और बताई गई थी। लेकिन सत्संग में जरूरत ज्यादा करीब सवा लाख श्रद्धालु पहुंच गए। सत्संग में पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या को देखकर एलआईयू ने किसी बड़ी घटना का अंदेशा जताया और इसकी रिपोर्ट बनाकर अफसरों को सौंप दी। इसके बाद भी अफसरों ने संज्ञान नहीं लिया। इस बीच भीषण गर्मी के चलते सत्संग में पहुंचे श्रद्धालुओं की धीरे-धीरे तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई। तीन घंटे तक चले इस सत्संग में देखते ही देखते कई श्रद्धालु बेहोश होकर गिर गए। जैसे ही सत्संग खत्म हुआ तो श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई। भगदड़़ में महिलाओं, बच्चों समेत कई लोग दब गए। श्रद्धालुओं के पैरों के नीचे दबकर 120 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जैसे ही भगदड़ और श्रद्धालुओं की इतनी तादाद में मरने की खबर अफसरों को लगी तो फौरन मौके की तरफ दौड़ पड़े।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताया दुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर दुख जताया है। सीएम ने कहा, ”जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं।”
उन्होंने एक्स पर लिखा, ”उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी जी, संदीप सिंह जी घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं तथा प्रदेश के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को घटना स्थल पर पहुंचने हेतु निर्देशित किया है। ADG, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान तथा घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।”
पीड़ितों के लिए मुआवजे का एलान
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में पीड़ितों के लिए मुआवजे का एलान किया गया है। घटना की जांच की जा रही है। यूपी सरकार ने इस दर्दनाक हादसे में मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपये का मुआवजा देने का एलान किया है।