Congress, Akali Dal MPs clashed

शंभू नाथ गौतम

मानसून सत्र के दौरान संसद भवन में जारी हंगामे और शोर-शराबे का असर अब बाहर भी दिखने लगा है। जहां संसद के अंदर कांग्रेस समेत विपक्ष मोदी सरकार पर पेगासस जासूसी फोन कांड को लेकर लगातार 15 दिनों से नारेबाजी करती आ रही है। वहीं बुधवार सुबह सत्र शुरू होने से पहले संसद भवन के गेट पर कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और अकाली दल शिरोमणि की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर मोदी सरकार के पिछले वर्ष पारित किए गए  कृषि कानून को लेकर बुरी तरह भिड़ गए अगर मीडियाकर्मी वहां न होते तो दोनों के बीच ‘हाथापाई’ तय थी।

दोनों नेताओं के आपस में भिड़ने की वजह पंजाब में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कृषि कानून का विरोध दिखाना था। सांसद बिट्टू और कौर की जुबानी जंग इतनी तेज थी कि इसका असर पंजाब तक भी सुनाई दिया। दोनों नेता किसानों के लिए आवाज उठा रहे थे। इसके साथ यह साबित करने की कोशिश की, कि हम ही किसानों के सबसे बड़े हितैषी हैं और मोदी सरकार के लगाए गए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। दोनों नेताओं में झगड़े की शुरुआत ऐसे हुई।

बुधवार को अकाली दल के नेता संसद गेट पर गेहूं की बाली देकर किसानों की आवाज उठा रहे थे। जब सदन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए पंजाब से कांग्रेस के लोकसभा सांसद रवनीत सिंह बिट्टू सदन पहुंचे तो यहां गेट नंबर 4 पर उनका सामना अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल से हुआ। संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहीं बादल और अकाली सासंदों से बिट्टू ने कहा कि आपका यह प्रदर्शन नकली है। रवनीत सिंह बिट्टू ने हरसिमरत को टारगेट करते हुए कहा कि जब बिल पास हुए तब आप केंद्रीय मंत्री थीं। उस वक्त आप कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठती थीं, लेकिन तब आपने क्यों नहीं कुछ किया, अब आप ड्रामा कर रही हैं।

बिट्टू के इस आरोप पर हरसिमरत कौर बादल भी बिफर गईं। उन्होंने दो टूक कहा कि मैंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन पंजाब में आपकी सरकार है, वो क्या कर रही है। इस पर बिट्टू ने कहा कि पहले आपने कैबिनेट में रहकर बिल पास कराए और फिर घर जाकर बाद में इस्तीफा दिया। इस तरह दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस हुई। दोनों की जुबानी जंग और हाथों की प्रतिक्रियाएं इतनी तेज थी कि बीच में मौजूद मीडिया कर्मियों को अपने माइक एक दूसरे के चेहरे की ओर जल्दी-जल्दी घुमाने पड़ रहे थे। यहां हम आपको बता दें कि मौजूदा समय पंजाब में कांग्रेस की सरकार और कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री हैं। वहीं शिरोमणि अकाली दल सत्ता में वापसी करने के लिए पंजाब में कृषि कानून को लेकर नाराज चल रहे किसानों के साथ खड़ा होना चाहती है। दूसरी ओर कैप्टन अमरिंदर भी केंद्र सरकार के इस कानून का विरोध करते आ रहे हैं।