ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी के बाद देश भर में राजनीति गरमाई हुई है। दो दिनों से यह मामला सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा में है। जुबेर पर धार्मिक भावना भड़काने के आरोप में सोमवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने मोहम्मद ज़ुबैर को आईपीसी सेक्शन 153 A और सेक्शन 295A के तहत गिरफ्तार किया है। पुलिस ने जुबैर को ड्यूटी मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने पेश किया और 4 दिन की कस्टडी मांगी। कोर्ट ने जुबैर को 1 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। यह समय पूरा होने के बाद जुबेर को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया।

बता दें कि जुबैर की गिरफ्तारी जिस पोस्ट को लेकर हुई है, वो पोस्ट 2018 की है। इस पर आईएफएसओ डीसीपी केपी एस मल्होत्रा ने कहा कि पोस्ट काफी पुराना होने से फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि आपको सिर्फ उसे रीट्वीट कर किसी को टैग कर देना है और वह नया बन जाता है। उन्होंने कहा इस मामले में जुबैर के फोन की जरूरत थी, लेकिन उसने फोन को फॉर्मेट किया हुआ था। इसी आधार पर हमने उसे गिरफ्तार किया। जुबैर की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने कहा कि उनके खिलाफ नफरत फैलाने के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।

जुबैर की तरफ से सोशल मीडिया में एक विशेष धर्म समुदाय के खिलाफ जान बूझकर फोटो पोस्ट की गई थी, जिससे लोगों के बीच अशांति फैल रही थी। इसी के आधार पर उन्हें अरेस्ट किया गया है। बता दें कि पिछले दिनों भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, इसके साथ ही कुछ जगहों पर हिंसा भड़क गई थी। कथित तौर पर इन प्रदर्शनों को भी ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने हवा दी थी। जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और इस कई पर हिंदू संगठनों ने जुबैर के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में मामला दर्ज कराया था।

राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने मोहम्मद जुबेर की गिरफ्तारी की निंदा की

कांग्रेस समेत विपक्ष के नेताओं ने जुबेर की गिरफ्तारी की निंदा की है। जुबैर की गिरफ्तारी पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर लिखा कि बीजेपी की नफरत, कट्टरता और झूठ को उजागर करने वाला हर शख्स उनके लिए खतरा है। सत्य की एक आवाज को गिरफ्तार करने से एक हजार और पैदा होंगे। अत्याचार पर सत्य की हमेशा विजय होती है, डरो मत। वहीं कांग्रेस सांसद व तेलंगाना कांग्रेस के प्रभारी मणिकम टैगोर ने ट्वीट कर लिखा, “2014 के बाद भारत की कुछ तथ्य-जांच संस्थाएं, विशेष रूप से ऑल्ट न्यूज, गलत सूचना और झूठ से भरे हुए राजनीतिक वातावरण में सच बताने के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा कर रहे हैं। वे झूठ का पर्दाफाश करते हैं। अब इसके सह संस्थापक को शाह की दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

जुबैर को गिरफ्तार करना दिल्ली पुलिस की एक बड़ी भूल है। उसे तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। मोहम्मद जुबेर की गिरफ्तारी कांग्रेस महासचिव व राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने भी ट्वीट किया और कहा कि विश्व गुरु के फर्जी दावों की लगातार पोल खोलने का बदला लिया जा रहा है। एआईएमआईएम प्रमुख प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी अत्यंत निंदनीय है। उन्हें बिना किसी नोटिस के किसी अज्ञात एफआईआर में गिरफ्तार किया गया है। यह कानून का उल्लंघन है। उन्होंने आगे कहा कि नफरती नारे लगाने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस कोई कदम नहीं उठाती है, लेकिन सच्चाई को सामने लाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करती है।

आल्ट न्यूज भारत के लगभग सभी बड़े-छोटे मीडिया हाउस की खबरों का फैक्टचेक करता रहता है। उसने कई बड़े फेक न्यूज के खुलासे किए हैं। जानकारी के मुताबिक इंस्टाग्राम पर जुबैर के लगभग 26.3 हजार फॉलोअर्स हैं। जबकि ट्विटर प्रोफाइल में उनके 547.7 हजार फॉलोअर्स हैं। वहीं, इसी महीने हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ पोस्ट करने का आरोप लगने के बाद जुबैर ने कथित तौर पर अपना फेसबुक अकाउंट डिलीट कर दिया था। मोहम्मद जुबैर डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म आल्ट न्यूज के फाउंडर भी हैं।