पौड़ी: जनपद पौड़ी गढ़वाल के विकास खंड थलीसैंण के पट्टी ढाईज्यूली के ग्राम तरपाली में केशवानंद जुयाल एवं श्रीमती विजयश्वरी देवी जुयाल की पुत्री की शादी में वर वधू सुनील गौड़ एवं कल्पना ने घर के आंगन में मौसमी का समलौण पौधा रोपकर शादी को यादगार बनाने के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन का संदेश दिया। पौधे के संरक्षण की जिम्मेदारी दुल्हन की मां विजयश्वरी देवी ने ली।
कार्यक्रम का संचालन समलौण आंदोलन की संयोजिका कौशल्या देवी भट्ट ने किया, उन्होंने कहा वृक्ष हमारे लिए प्राणवायु हैं, ये जीवन के आधार हैं, समलौण अपने आप में एक गढ़वाली शब्द है, जिसका अर्थ याद से और दिल से जुड़ने के साथ साथ मानव एवं प्रकृति का अदभुत सम्बन्ध दर्शाता है, जिसमें हर संस्कारों के उपलक्ष में बच्चों से लेकर वृद्धजन तक अपने अपने संस्कारों को यादगार बनाने के लिए समलौण पौधारोपण का कार्य भावनात्मक रूप से कर रहे हैं, जो कि आज पहाड़ों में ही नहीं अपितु अन्य राज्यों में भी एक रीति रिवाज एवं परम्परा बनकर एक जन आंदोलन बन चुका है. उन्होंने क्षेत्रवासियों से वनों से आग से बचाने एवं हर संस्कारों में समलौण पौधारोपण करने की अपील की।
इस अवसर पर भोलादत्त जुयाल, हरीशचंद्र चमोली, घनानंद पंत, रामकृष्ण पंत, रामदयाल पंत, सुरेन्द्र पंत, दाताराम पंत,जीतराम नौड़ियाल, मनोज प्रसाद नौड़ियाल, आनन्द मणी पंत, पातीराम पंत, सतीश चन्द्र नवानी, सतीश चन्द्र भट्ट, अशोक भट्ट, सी एल लखेड़ा, कमला नन्द जुयाल, सूरज, अनुसोया जुयाल आदि ग्रामीण घराती एवं बाराती उपस्थित थे।