देहरादून: राजकीय शिक्षक संघ के बैनर तले आन्दोलन कर रहे शिक्षकों के भारी दबाव के चलते आखिरकार राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य पदों पर होने जा रही सीधी भर्ती परीक्षा को स्थगित कर दिया है। मंगलवार को शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सचिव को पत्र भेजते हुए 29 सितंबर को प्रस्ताव परीक्षा को स्थगित करने को कहा है। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन द्वारा जारी पत्र के अनुसार वर्तमान राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली को संशोधित करने के बाद ही परीक्षा को कराया जाएगा।

गौरतलब है कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से 29 सितंबर को राजकीय इंटर कॉलेजों एवं राजकीय बालिका इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के 692 पदों की सीधी भर्ती परीक्षा प्रस्तावित थी। राजकीय शिक्षक संगठन द्वारा प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती का लगातार विरोध किया जा रहा है। शिक्षकों की नाराजगी इस बात पर ज्यादा है कि सरकार ने केवल प्रधानाध्यापक और प्रवक्ताओं को ही भर्ती परीक्षा के लिए पात्र माना। जबकि एलटी शिक्षकों के एक बड़े वर्ग की अनदेखी कर दी। राजकीय शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग को लेकर दो सितंबर से आंदोलन कर रहा है। संगठन द्वारा सरकार से मांग की जा रही है, कि सभी पदों को पूर्व की तरह ही प्रमोशन के जरिए भरा जाए। आज भी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह 10 बजे ही शिक्षक ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय परिसर में प्रदर्शन करते हुए क्रमिक अनशन पर बैठ गए थे। शिक्षा सचिव के द्वारा भर्ती परीक्षा स्थगित करने का आदेश जारी होने के बाद राजकीय शिक्षक संगठन अब आगे की रणनीति तैयार करने जा रहा है।

भर्ती निरस्त करने से कम नहीं पर कुछ स्वीकार नहीं: शिक्षक संघ

सरकार ने शिक्षकों के भारी दबाव की वजह से प्रधानाचार्य की भर्ती को स्थगित तो कर दिया है, लेकिन शिक्षक फिलहाल इससे संतुष्ट नहीं है। राजकीय शिक्षक संघ का कहना है कि प्रधानाचार्य के पद शतप्रतिशत प्रमोशन के पद है। इसमें विभागीय सीधी भर्ती कराना बिलकुल गलत है। इस मुद़दे पर दो सितंबर से जारी आंदोलन के भविष्य को लेकर संघ की बुधवार दोपहर होने वाली प्रांतीय कार्यकारिणी में अंतिम निर्णय किया जाएगा। संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि सरकार को चाहिए कि भर्ती को स्थगित करने के बजाए उसे तत्काल निरस्त करे। प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रमोशन की कार्यवाही शुरू की जाए।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार सुबह 10 बजे ही शिक्षक ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय परिसर में प्रदर्शन करते हुए क्रमिक अनशन पर बैठ गए थे। दोपहर में भर्ती को स्थगित करने की सूचना लेकर अपर निदेशक-माध्यमिक डॉ। मुकुल कुमार सती धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्थगित करने जा रही है। भर्ती प्रक्रिया में प्रवक्ता और एलटी कैडर के शिक्षकों को समान रूप से अवसर देने के लिए वर्तमान नियमावली को संशोधित करने का निर्णय किया गया है। लिहाजा शिक्षक आंदोलन वापस लेकर अपने स्कूलों में शिक्षा को सुचारु बनाने में सहयोग करें। शिक्षकों ने डॉ। सती को दो टूक कहा कि शिक्षक संघ भर्ती को स्थगित नहीं बल्कि निरस्त कराने के लिए आंदोलन कर रहा है। शिक्षकों को रुख देकर डॉ। वहां से वापस अपने कार्यालय लौट गए। धरना स्थल पर शिक्षकों ने भर्ती स्थगित होने से उपजी स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। संघ के मीडिया प्रभारी प्रणय बहुगुणा ने बताया कि संघ ने फिलहाल आंदेालन जारी रखने का निर्णय किया है। कल बुधवार को दोपहर प्रांतीय, मंडलीय और जिला कार्यकारिणियों के साथ संयुक्त बैठक की जाएगी। इस बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी। कल की बैठक में होने वाले फैसले के आधार पर ही संघ् आगे बढ़ेगा। आज 11 शिक्षक डॉ। हेमंत पैन्यूली, रविशंकर गुसाईं,अर्जुन पवार, नरेश भट्ट ,डॉ। विवेक पांडेय, नमिता पाठक, रेखा धनिक, ममराज सिंह चौहान, आलोक रौथान,गिरीश जोशी, कुलदीप कंडारी क्रमिक अनशन पर बैठे।