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श्रीनगर गढ़वाल: उत्तराखंड के श्रीनगर स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डाक्टरों द्वारा पहली बार घुटने का सफल प्रत्यारोपण किया गया। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हड्डी रोग विभाग के चिकित्सकों की टीम ने घुटने का सफल प्रत्यारोपण कर नई उपलब्धि हासिल की है। हड्डी रोग विभाग के चिकित्सकों की इस उपलब्धि पर मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं सहित अस्पताल प्रवंधन एवं स्थानीय लोगों में भी उत्साह का माहौल है।

उल्लेखनीय है कि राजकीय मेडिकल कालेज श्रीनगर के बेस अस्पताल में पहली बार घुटना प्रत्यरोपण किया गया। इससे पहले इस समस्या से पीड़ित मरीजों को बड़े शहरों में जाकर इलाज करवाना पड़ता था। जिसमें आर्थिक एवं मानसिक दोनों दृष्टि से परेशानी उठानी पड़ती थी। परन्तु इसके बाद अब इस क्षेत्र के मरीजों को घुटनों की समस्या को लेकर दिल्ली, देहरादून जैसे बड़े शहरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

घुटना प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन के बाद श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के हडडी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. डीके टम्टा ने बताया कि उन्होंने भी अपने कैरियर में पहली बार घुटना प्रत्यारोपित किया है। उन्होंने मीडिया को बताया कि कुछ दिन पहले उनके पास घुटने की समस्या को लेकर उत्तरकाशी जिले के बड़कोट निवासी 67 वर्षीय स्वर्ण दामीर आए थे। जो घुटने संबंधी दिक्कत से परेशान थे और दर्द के चलते चलने-फिरने में असमर्थ लग रहे थे। जाँच करने के बाद पता चला कि श्रवण के बांये पैर का घुटना पूरी तरह घिसा हुआ था। जबकि दूसरे पैर का घटना भी काफी हद तक घिस गया है. जिसके बाद उन्हें घुटना प्रत्यारोपण की सलाह दी गई। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके टम्टा और उनकी टीम ने मिलकर करीब 2 घंटे के ऑपरेशन में दामीर के घुटने का सफल प्रत्यारोपण किया। जो तीन दिन बाद वॉकर के सहारे चलने भी लगे। छह माह बाद दूसरे घुटने का भी प्रत्यारोपण किया जायेगा। अब बुजुर्ग व्यक्ति को चलने में दिक्कत नहीं होगी।

डॉ. टम्टा ने अनुसार बेस अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 5-6 मरीज ऐसे आते हैं, जिन्हें घुटना प्रत्यारोपण की जरूरत है किंतु यहां ऐसी सुविधा न होने के कारण उन्हें बड़े शहरों के निजी या सरकारी अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता था, जिस पर काफी पैसा खर्च हो जाता था। अब यहां के मरीजों को घुटना प्रत्यारोपण के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा तथा कम खर्च में यहाँ पर घुटना प्रत्यारोपित किया जा सकेगा।

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